Independence Day - 15 August
Independence Day - 15 August
0 0
Read Time:10 Minute, 19 Second

आज़ादी… एक शब्द, जिसके मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं। किसी के लिए यह इतिहास की किताबों में दर्ज एक तारीख है, किसी के लिए दफ्तर से मिली एक छुट्टी, और किसी के लिए यह वो उम्मीद है जिसके सहारे ज़िंदगी की जंग लड़ी जाती है। यह कहानी भी ऐसे ही तीन किरदारों की है—एक बूढ़ा दर्जी, एक अमीर लड़का और एक गरीब बच्ची। वे एक-दूसरे से अनजान थे, लेकिन 14 अगस्त की एक बारिश भरी शाम ने उनके तीन अलग-अलग रंगों को एक ही तिरंगे में पिरो दिया, और उन्हें देशभक्ति का असली मतलब सिखाया।


तिरंगा – तीन रंग, एक कहानी

पहला रंग: विश्वास का केसरिया

शहर की एक पुरानी, तंग गली में ‘रहीम चाचा टेलर्स’ की दुकान थी। अब यह दुकान कम, एक संग्रहालय ज़्यादा लगती थी। उसके शीशे पर धूल थी और अंदर कपड़ों से ज़्यादा यादें थीं। रहीम चाचा, जिनकी उम्र सत्तर पार कर चुकी थी, अपनी पुरानी सिलाई मशीन पर झुके हुए थे। उनकी आँखों की रोशनी कमज़ोर हो गई थी, लेकिन उनके हाथों का हुनर आज भी बेमिसाल था।

हर साल की तरह, इस साल भी वह एक बड़ा सा, खादी का तिरंगा सिल रहे थे। उनकी दुकान पर अब कोई कपड़े सिलवाने नहीं आता था, लेकिन 15 अगस्त के लिए तिरंगा सिलना उनके लिए एक इबादत जैसा था। उनका बेटा अक्सर कहता, “अब्बा, क्या फायदा? इसे कोई नहीं खरीदता।”

रहीम चाचा मुस्कुराकर कहते, “बेटा, यह तिरंगा बेचने के लिए नहीं, बल्कि अपने विश्वास को ज़िंदा रखने के लिए सिलता हूँ। जब तक मेरे हाथ चलते हैं, इस देश का झंडा झुकने नहीं दूँगा।” उनके लिए, केसरिया रंग सिर्फ एक रंग नहीं, बल्कि पीढ़ियों का बलिदान और उनका अटूट विश्वास था।


दूसरा रंग: घमंड का सफेद

शहर के दूसरे छोर पर, एक आलीशान बंगले में आर्यन अपनी महंगी स्पोर्ट्स कार की चाबी घुमा रहा था। उसके लिए 15 अगस्त का मतलब था दोस्तों के साथ लॉन्ग ड्राइव और देर रात की पार्टी। देशभक्ति उसके लिए सोशल मीडिया पर एक तिरंगे वाली प्रोफाइल पिक्चर लगाने तक सीमित थी।

उसने अपनी कार के बोनट पर लगाने के लिए ट्रैफिक सिग्नल से एक छोटा सा, प्लास्टिक का तिरंगा खरीदा। उसने पैसे लड़की के हाथ में ऐसे फेंके, जैसे कोई अहसान कर रहा हो। उसके लिए, तिरंगे का सफेद रंग बस उसकी महंगी कार के काले रंग पर अच्छा दिखने वाला एक कंट्रास्ट था।


तीसरा रंग: उम्मीद का हरा

मीरा, वही दस साल की लड़की, जिसने आर्यन को तिरंगा बेचा था, सूरज ढलने से पहले कुछ और पैसे कमा लेना चाहती थी। उसके छोटे भाई की स्कूल की फीस अभी भी बाकी थी। उसकी छोटी सी टोकरी में बचे हुए झंडे ही उसकी आखिरी उम्मीद थे। उसके लिए, तिरंगे का हरा रंग सिर्फ एक रंग नहीं, बल्कि उसके खेतों जैसे सपने थे—एक बेहतर ज़िंदगी के, अपने भाई की पढ़ाई के।

तभी, आसमान में काले बादल घिर आए और ज़ोरों की बारिश शुरू हो गई।

लोग इधर-उधर भागने लगे। आर्यन ने अपनी कार का शीशा चढ़ा लिया। हवा के एक तेज़ झोंके से, उसकी कार पर लगा प्लास्टिक का झंडा उड़कर सड़क के कीचड़ में जा गिरा। आर्यन ने एक पल उसे देखा और फिर कंधे उचकाकर गाड़ी आगे बढ़ा दी।

बारिश ने मीरा की सारी उम्मीदें धो दीं। उसकी टोकरी में रखे सारे झंडे भीगकर खराब हो गए। वह सड़क के किनारे एक दुकान के छज्जे के नीचे खड़ी होकर रोने लगी।

वह दुकान ‘रहीम चाचा टेलर्स’ की थी।

रहीम चाचा ने उस छोटी सी बच्ची को रोते हुए देखा। उन्होंने कीचड़ में पड़े उस प्लास्टिक के झंडे को भी देखा और उस महंगी कार को जाते हुए भी। वह बाहर आए और मीरा के सिर पर हाथ रखकर बोले, “अंदर आ जाओ बेटी, भीग जाओगी।”

उन्होंने मीरा को एक कप गर्म चाय दी और अपनी सिलाई मशीन से वह बड़ा सा, शानदार तिरंगा उतारा। उन्होंने उसे तह करके मीरा के हाथों में थमा दिया।

“यह मेरे हाथ का सिला है,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा। “इसे कल सुबह फहराना। और जब फहराओ, तो याद रखना कि इसके तीन रंगों में तुम जैसी लाखों बेटियों की मेहनत, मुझ जैसे लाखों लोगों का विश्वास और उन करोड़ों लोगों के सपने हैं जिन्होंने इस देश को आज़ाद कराया। यह सिर्फ एक झंडा नहीं, हमारी सबकी कहानी है।”

मीरा की आँखों में आँसू थे, पर इस बार ये बेबसी के नहीं, बल्कि सम्मान और गर्व के थे।

15 अगस्त की सुबह

शहर के सबसे बड़े चौराहे पर, जहाँ हर साल झंडा फहराया जाता था, आज एक अलग ही नज़ारा था। छोटी सी मीरा, अपनी पूरी ताकत से उस विशाल तिरंगे को ऊपर चढ़ा रही थी। हवा में लहराता वह तिरंगा आज कुछ ज़्यादा ही खूबसूरत लग रहा था।

उसी वक्त, आर्यन अपनी कार से वहाँ से गुज़रा। उसकी नज़र उस शानदार तिरंगे और उसे फहराती उस लड़की पर पड़ी। उसे वह कल शाम वाला ट्रैफिक सिग्नल, कीचड़ में फेंका हुआ अपना प्लास्टिक का झंडा और उस लड़की की भीगी हुई आँखें, सब एक पल में याद आ गया।

पहली बार, उसे उस तीन रंगों के कपड़े में सिर्फ रंग नहीं, बल्कि एक कहानी दिखाई दी। एक बूढ़े आदमी का विश्वास, एक छोटी लड़की की उम्मीद, और अपनी खुद की खोखली देशभक्ति। उसकी आँखों में शर्मिंदगी थी, पर उसके दिल में पहली बार, आज़ादी का असली मतलब उतर रहा था।




देशभक्ति सिर्फ एक दिन झंडा फहराने या नारे लगाने का नाम नहीं है। यह हमारे रोज़मर्रा के कामों में झलकती है—एक-दूसरे का सम्मान करने में, ज़रूरतमंद की मदद करने में, और अपने देश के हर नागरिक को अपना समझने में। असली तिरंगा हमारे दिलों में तब लहराता है, जब हम केसरिया बलिदान, सफेद शांति और हरी उम्मीद को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बना लेते हैं।


क्या आपको यह कहानी पसंद आई? कमेंट में बताइए! 

अगर किसी विषय/टॉपिक पे कहानी चाहते हैं तो हमे जरूर बतायें। और शार्ट और मोटिवेशनल कहानियों क लिए हमें इंस्टाग्राम और फेसबुक पे फॉलो करें –

https://www.instagram.com/kissekahani.in

https://www.facebook.com/kissekahani25

और भी कहानियां पढ़ें।

शहर छोड़कर… सुकून की ओर (Shehar Chhodkar… Sukoon Ki Ore)

 नवरात्रि(Navratri): शक्ति की सच्ची साधना 

ईद (Eid) की वो आख़िरी दुआ

 IPL 2024: जब सपनों ने छक्का मारा!

वक्त की सैर: महिला दिवस (Women’s Day) पर एक अद्भुत यात्रा

रंगों की वो आखिरी होली

बस में मिला एक पुराना नोटबुक

चाय की दुकान

अनजानी मुस्कान का सफ़र

अधूरी पेंटिंग का रहस्य

मोती की घर वापसी

गांव के गूगल बाबा

रुद्रपुर का रहस्य

AI और इंसान का संघर्ष

सोशल मीडिया ब्रेकअप

7dd22f311b4e8b31e725ae51bee7edd7e6db2dbc4d3da2fcd4716c29e5a52c19?s=400&d=mm&r=g

About Post Author

Anuj Pathak

पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, और दिल से एक कहानीकार हैं। अपने बच्चों को बचपन की कहानियाँ सुनाते हुए, उन्हें एहसास हुआ कि इन सरल कहानियों में जीवन के कितने गहरे सबक छिपे हैं। लेखन उनका शौक है, और KisseKahani.in के माध्यम से वे उन नैतिक और सदाबहार कहानियों को फिर से जीवंत करना चाहते हैं जो उन्होंने अपने बड़ों से सुनी थीं। उनका मानना है कि एक अच्छी कहानी वह सबसे अच्छा उपहार है जो हम अपनी आने वाली पीढ़ी को दे सकते हैं।
Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

By Anuj Pathak

पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, और दिल से एक कहानीकार हैं। अपने बच्चों को बचपन की कहानियाँ सुनाते हुए, उन्हें एहसास हुआ कि इन सरल कहानियों में जीवन के कितने गहरे सबक छिपे हैं। लेखन उनका शौक है, और KisseKahani.in के माध्यम से वे उन नैतिक और सदाबहार कहानियों को फिर से जीवंत करना चाहते हैं जो उन्होंने अपने बड़ों से सुनी थीं। उनका मानना है कि एक अच्छी कहानी वह सबसे अच्छा उपहार है जो हम अपनी आने वाली पीढ़ी को दे सकते हैं।

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *