An sune kisse| Bhagat Singh
साल 1929 था भगत सिंह के असेंबली में बम फेंकने के बाद कोई भी अंग्रेजों के डर से भगत सिंह के परिवार वालों को शरण नही दे रहा था। उस मुश्किल वक़्त क्रांतिकारी मौलाना हबीबुर्रहमान लुधयानवी ने परिवार वालो की हिफाज़त दी अपने घर मे पनाह दी।मौलान हबीबुर्रहमान के वालिद मौलाना अब्दुल क़ादिर लुधियानवी भी बड़े क्रांतिकारियों में से थे 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ जिहाद का फतवा देने वालो में इनका नाम भी शुमार था।मौलान हबीबुर्रहमान दारूल उलूम से पढ़ाई मुकम्मल करने के बाद आंदोलन में शामिल हो गए। 1 दिसम्बर 1921 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दोबारा उन्हें 1931 दिल्ली की जामा मस्ज़िद से ब्रिटिश सेना के सामने बग़ावत करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया। देश आजाद होने तक कई मर्तबा जेल गए तकरीबन जिंदगी के 14 साल जेल में गुज़ार दिए।लेकिन जब देश का बंटवारा हुआ तो लुधियाना वालो ने मौलान हबीबुर्रहमान को पनाह नही दी दंगो के वक़्त उन्हें कुछ सालों के लिए लुधियाना छोड़ना पड़ा था, जिंदगी दिल्ली के शरणार्थि कैम्प में भी गुज़ारनी पड़ी।