glif flux ultra stories 0b30
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सूरज की हल्की किरणें छोटे से गाँव सुखपुर को रोशन कर रही थीं। यह एक ऐसा गाँव था जहाँ हर कोई एक-दूसरे को जानता था। बच्चे गलियों में खेलते, पेड़ों पर चढ़ते, और नहर के पास हँसते-खिलखिलाते समय बिताते थे। पर उस दिन, गाँव के बच्चों की दुनिया बदल गई, जब उन्हें एक छोटा सा भूरे रंग का पिल्ला मिला, जो खोया हुआ और सहमा हुआ था।

मोती की पहली झलक

छह साल का रोहन और उसकी आठ साल की बहन मीरा हमेशा की तरह सुबह गाँव के तालाब के पास खेलने गए। अचानक, झाड़ियों के पीछे से एक धीमी सी कराहने की आवाज़ आई।

“ये आवाज़ कैसी है?” मीरा ने हैरानी से पूछा।

“चलो देखते हैं!” रोहन ने उत्सुकता से कहा।

झाड़ियों के पास जाकर उन्होंने देखा कि वहाँ एक छोटा-सा पिल्ला दुबका हुआ था। उसकी आँखों में डर और भूख की झलक थी। उसका शरीर गंदा और पतला हो गया था, लेकिन उसकी छोटी-छोटी पूँछ हिल रही थी, जैसे वो उनसे मदद माँग रहा हो।

नए दोस्त की खोज

“अरे, ये तो खोया हुआ लगता है!” मीरा ने कहा।

“हमें इसे घर ले जाना चाहिए। शायद इसे कोई ढूंढ रहा हो,” रोहन ने सुझाव दिया।

दोनों बच्चों ने उसे उठाया और अपने घर ले आए। उनके दोस्तों कविता, अजय, और इमरान को यह बात पता चली, तो वे भी दौड़कर आ गए।

“इसे खाना देना चाहिए,” अजय ने कहा।
“और नहलाना भी,” कविता ने जोड़ा।

पाँचों बच्चों ने मिलकर पिल्ले को दूध पिलाया और उसे नहलाया। अब वो और भी प्यारा लग रहा था। उन्होंने उसका नाम रखा—मोती

मालिक की तलाश

“लेकिन अगर ये खोया हुआ है, तो इसका मालिक ज़रूर परेशान होगा,” इमरान ने कहा।

मीरा ने सिर हिलाया। “हमें इसे उसके असली घर तक पहुँचाना चाहिए। चलो गाँव में पूछते हैं।”

बच्चों ने मोती को एक पुराने कपड़े में लपेटा और उसे लेकर पूरे गाँव में घूमने लगे।

  • उन्होंने बगीचे में काम कर रहे चौधरी अंकल से पूछा।
  • दूध वाले रामू भैया से पूछा।
  • और यहाँ तक कि गाँव की बूढ़ी अम्मा से भी।

लेकिन किसी ने मोती को पहचानने का दावा नहीं किया।

उम्मीद की किरण

थोड़ी निराश होकर बच्चे गाँव की नहर के पास बैठ गए। तभी उन्हें एक लड़का दौड़ता हुआ आता दिखा।

“क्या तुम लोगों ने एक छोटा भूरे रंग का पिल्ला देखा है?” लड़के ने हाँफते हुए पूछा।

“हाँ! उसका नाम मोती है!” रोहन ने खुशी से कहा।

लड़के की आँखों में चमक आ गई। “मेरा नाम राजू है। ये मेरा पिल्ला है। वो दो दिन पहले कहीं भाग गया था। मैं उसे हर जगह ढूंढ रहा था।”

बच्चों ने मोती को राजू को सौंप दिया। जैसे ही मोटी ने राजू को देखा, उसकी पूँछ खुशी से तेजी से हिलने लगी। वह राजू की ओर भागा और उसके पैरों पर कूदने लगा।

एक नई दोस्ती

राजू ने बच्चों का शुक्रिया अदा किया। “तुम सबने मेरे मोती को संभाल कर रखा, इसके लिए मैं तुम्हारा बहुत आभारी हूँ।”

मीरा मुस्कुराई। “ये तो हमारा दोस्त बन गया था। पर अब ये तुम्हारे पास सही जगह पर है।”

“तुम लोग कभी भी मेरे घर आ सकते हो, और मोती से मिल सकते हो,” राजू ने कहा।

बच्चों ने महसूस किया कि सच्ची खुशी मदद करने में है। उन्होंने मोती को सही जगह पहुँचाने में जो मेहनत की, वो उनके दिल में हमेशा एक प्यारी याद बनकर रह गई।

इस छोटी-सी घटना ने सिखाया कि दया और दोस्ती की ताकत सबसे बड़ी होती है।

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About Post Author

Anuj Pathak

पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, और दिल से एक कहानीकार हैं। अपने बच्चों को बचपन की कहानियाँ सुनाते हुए, उन्हें एहसास हुआ कि इन सरल कहानियों में जीवन के कितने गहरे सबक छिपे हैं। लेखन उनका शौक है, और KisseKahani.in के माध्यम से वे उन नैतिक और सदाबहार कहानियों को फिर से जीवंत करना चाहते हैं जो उन्होंने अपने बड़ों से सुनी थीं। उनका मानना है कि एक अच्छी कहानी वह सबसे अच्छा उपहार है जो हम अपनी आने वाली पीढ़ी को दे सकते हैं।
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By Anuj Pathak

पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर, और दिल से एक कहानीकार हैं। अपने बच्चों को बचपन की कहानियाँ सुनाते हुए, उन्हें एहसास हुआ कि इन सरल कहानियों में जीवन के कितने गहरे सबक छिपे हैं। लेखन उनका शौक है, और KisseKahani.in के माध्यम से वे उन नैतिक और सदाबहार कहानियों को फिर से जीवंत करना चाहते हैं जो उन्होंने अपने बड़ों से सुनी थीं। उनका मानना है कि एक अच्छी कहानी वह सबसे अच्छा उपहार है जो हम अपनी आने वाली पीढ़ी को दे सकते हैं।

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