घने हरे-भरे जंगल के बीच, ताकतवर शेर भूखनाथ वापस आ चुका था, यह तय करके कि इस बार वह मूर्ख नहीं बनेगा। लेकिन चालाक खरगोश गप्पू के पास एक नया मज़ेदार प्लान था! तैयार हो जाइए “शेर और चतुर खरगोश 2.0” की रोमांचक कहानी के लिए, जहाँ दिमाग की ताकत फिर से बल पर भारी पड़ेगी! 🐰🦁✨
भाग 1: जंगल की नई मुसीबत
बहुत समय पहले की बात है। जंगल में एक बड़ा, ताकतवर शेर रहता था, जिसका नाम था भूखनाथ। नाम से ही साफ था कि उसे हर वक्त भूख लगी रहती थी। लेकिन जब से खरगोश ने उसे चालाकी से कुएँ में गिरा दिया था, वह जंगल में मज़ाक का पात्र बन गया था।
अब, भूखनाथ वापस आ गया था! और इस बार, उसने ठान लिया था कि वह दोबारा किसी खरगोश की चाल में नहीं फँसेगा।

“अब मैं पहले जैसा मूर्ख नहीं हूँ!” शेर ने दहाड़ते हुए कहा। “इस बार मैं हर चालाकी का जवाब चालाकी से दूँगा!”
भाग 2: खरगोश की नयी योजना
उधर, चतुर खरगोश गप्पू अपने दोस्तों के साथ मस्ती कर रहा था। लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि शेर वापस आ गया है, उसकी आँखें चौड़ी हो गईं।

“अरे बाप रे! ये फिर से आ गया? अब तो कुछ नया प्लान बनाना पड़ेगा!” गप्पू ने सोचा।
गप्पू को एक बेहतरीन आइडिया आया। वह जंगल के बीचों-बीच एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गया और वहाँ से जोर-जोर से चिल्लाने लगा, “अरे जंगलवालों, बचो! एक और शेर आ गया! अब दो शेर हैं!“
भाग 3: शेर की उलझन
भूखनाथ ने यह सुना तो उसका मुँह खुला का खुला रह गया। “क—क्या? दूसरा शेर?”
शेर तुरंत एक बंदर के पास गया और गरजकर पूछा, “अरे बंदर, क्या यह सच है?”
बंदर ने सिर हिलाया, “हाँ महाराज, मैंने भी सुना है! अब जंगल में दो-दो शेर हैं!”
अब शेर के दिमाग की बत्ती जल गई। “अगर जंगल में दूसरा शेर है, तो वह मेरा मुकाबला करेगा! नहीं, नहीं, ऐसा नहीं होने दूँगा!”
भाग 4: गप्पू की मास्टरस्ट्रोक चाल
गप्पू ने शेर को भ्रमित करने के लिए जंगल में जगह-जगह पंजों के निशान बना दिए। फिर वह नदी के किनारे गया और वहाँ जाकर एक पत्थर पर बैठ गया।
जैसे ही शेर वहाँ पहुँचा, गप्पू ने डरने का नाटक किया और काँपती आवाज़ में बोला, “महाराज! बचिए! दूसरा शेर बहुत भयानक है! वह बहुत ताकतवर है और जंगल पर राज करना चाहता है!“

शेर की आँखें फटी की फटी रह गईं। “क्या? कहां है वह?”
गप्पू ने नदी के पानी की ओर इशारा किया, “देखिए, वह वहीं है! वह आपको घूर रहा है!“
भूखनाथ ने झट से नदी में झाँका—और उसे पानी में एक और शेर दिखाई दिया! (हालाँकि, यह सिर्फ उसकी खुद की परछाईं थी। 😆)
शेर गुस्से से गरज उठा, “मैं ही जंगल का राजा हूँ! तुझे देख लूंगा!“
और यह कहकर उसने पूरे जोश में नदी में छलाँग लगा दी… धड़ाम!
भाग 5: फिर से बेवकूफ बना शेर!
शेर जैसे ही नदी में गिरा, पानी में हड़बड़ाने लगा। जब वह मुश्किल से बाहर निकला, तब तक गप्पू और जंगल के सारे जानवर ठहाके मारकर हँस रहे थे।
“बाप रे! फिर से बेवकूफ बन गया!” शेर ने सिर पकड़ लिया।

गप्पू ने हँसते हुए कहा, “अरे महाराज, आपने कहा था कि अब आप चालाक हो गए हैं! लेकिन लगता है कि आप तो 2.0 वर्जन में भी पुराने वाले ही हैं!” 😂
शेर को अपनी बेवकूफी पर शर्म आई, और वह गुस्से में जंगल छोड़कर भाग गया।
और इस तरह, चतुर खरगोश ने फिर से अपनी चालाकी से शेर को हरा दिया! 🏆🎉
सीख:
असली ताकत सिर्फ ताकत में नहीं, बल्कि दिमाग में होती है! 😉
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