IPL सिर्फ़ एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं, बल्कि इमोशन्स का तुफान है। हर चौका, हर छक्का, हर विकेट हमारे दिल की धड़कनें तेज़ कर देता है। भारत में IPL का मतलब सिर्फ मैच देखना नहीं, बल्कि एक त्यौहार है, जहाँ हर कोई अपनी फेवरेट टीम की जर्सी पहनकर, स्कोर गिनकर, और प्लेइंग इलेवन पर बहस करके अपने इमोशन्स ज़ाहिर करता है।
लेकिन क्या हो अगर IPL का क्रेज़ सिर्फ टीवी तक ही सीमित ना हो?
अगर किसी का सपना हो खुद IPL में खेलने का और एक दिन वो सच में उस ग्राउंड में उतर जाए, तो क्या होगा?
👉 यह कहानी है अरुण की, जो गली क्रिकेट से IPL के स्टेडियम तक का सफर तय करता है।
📌 अध्याय 1: IPL के सपने वाला लड़का
“अरे यार, इस साल भी सिर्फ़ टीवी पर IPL देखना पड़ेगा!” अरुण ने गली में बैट घुमाते हुए कहा।
हर साल की तरह वह और उसके दोस्त IPL की ऑक्शन लिस्ट में अपने फेवरेट खिलाड़ियों को ढूंढते, टीमों की स्ट्रेंथ और वीकनेस पर बहस करते और मिनी IPL खेलते।

- कोई CSK का फैन था, तो कोई RCB का।
- कोई MI का ब्लू पहनता, तो कोई KKR का पर्पल।
लेकिन अरुण के लिए IPL सिर्फ फैनबॉयिंग का मामला नहीं था, बल्कि उसका सपना था।
👉 “एक दिन मैं भी इस ग्राउंड में खेलूँगा!” उसने खुद से वादा किया था।
📌 अध्याय 2: जब सपने टूटते दिखे…
अरुण की दुनिया सिर्फ़ क्रिकेट और IPL थी, लेकिन उसके पापा चाहते थे कि वह इंजीनियर बने।
“क्रिकेट से पेट नहीं भरता बेटा, पढ़ाई कर!” पापा ने एक दिन बैट छीनते हुए कहा।
अरुण ने लाख समझाने की कोशिश की, लेकिन गली क्रिकेट के छक्कों से कोई IPL नहीं खेलता—यह पापा का तर्क था।
👉 “शायद मैं बस एक फैन बनकर रह जाऊँगा,” उसने सोचा।
📌 अध्याय 3: एक IPL टैलेंट हंट, जिसने बदली ज़िंदगी
एक दिन अरुण के दोस्त ने उसे बताया—“भाई, इस साल IPL में एक टैलेंट हंट हो रहा है!”
“IPL टैलेंट हंट?” अरुण की आँखें चमक उठीं।
BCCI और IPL फ्रेंचाइज़ी की कुछ टीमें युवा टैलेंट ढूंढ रही थीं, और पूरे भारत से हजारों खिलाड़ी ट्रायल देने जा रहे थे।
लेकिन समस्या यह थी—
- उसके पास प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं थी।
- कोई क्रिकेट अकादमी का बैकग्राउंड नहीं था।
- और सबसे बड़ी बात, पापा ने मना कर दिया था।
लेकिन अरुण के अंदर सिर्फ एक ही चीज़ जल रही थी—IPL का सपना!
📌 अध्याय 4: जब पहला बाउंसर गिरा!
अरुण चुपचाप ट्रायल देने पहुँचा।
वहाँ सैकड़ों खिलाड़ी थे, सभी ज्यादा अनुभवी, ज़्यादा तैयार। IPL में सेलेक्शन इतना आसान नहीं था।
“क्या मैं सच में अच्छा हूँ? क्या यह सिर्फ मेरा वहम है?” अरुण के अंदर डर घर कर गया।
लेकिन जब उसका बैट घूमा—
🏏 पहली ही बॉल पर छक्का!
🏏 फिर एक चौका!
🏏 फिर लगातार तीन दमदार स्ट्रोक्स!
सेलेक्टर्स ने नोटिस किया। IPL स्काउट्स ने नाम लिख लिया।
👉 “बच्चा टैलेंटेड है!” किसी ने कहा।
लेकिन सफर इतना आसान नहीं था…
📌 अध्याय 5: IPL ऑक्शन की रात
IPL ऑक्शन के दिन अरुण और उसका परिवार टीवी के सामने बैठा था।
टीमों के मालिक बोली लगा रहे थे, लेकिन अरुण का नाम अभी तक नहीं आया था।
“कहीं यह सपना बस सपना ही ना रह जाए?” उसकी मम्मी ने धीरे से कहा।
तभी…
💥 “NEXT PLAYER: ARUN SHARMA, BASE PRICE ₹20 LAKHS!”
पूरा कमरा चुप!
तभी एक टीम ने बोली लगाई—”₹20 LAKHS!”
फिर एक और टीम—”₹25 LAKHS!”
💥 अरुण को IPL टीम में चुन लिया गया था!
पूरा परिवार उछल पड़ा। जिस लड़के को गली क्रिकेट खेलने पर डांट पड़ती थी, वह अब IPL में खेलने जा रहा था।
📌 अध्याय 6: जब IPL के ग्राउंड पर पहला मैच हुआ
अरुण को यकीन नहीं हो रहा था—वह उसी स्टेडियम में था, जहाँ कभी वह सिर्फ एक दर्शक बनकर बैठा करता था।
🏏 उसके सामने दुनिया के सबसे बड़े बॉलर थे।
🔥 लाखों लोग चिल्ला रहे थे।
और तभी…
💥 अरुण ने पहली गेंद पर चौका जड़ दिया!
💥 फिर एक शानदार छक्का!
IPL के लाइव कमेंट्री बॉक्स से आवाज़ आई—”यह बच्चा सिर्फ खेलने नहीं, इतिहास बनाने आया है!”
📌 जब सपने सच होते हैं!
रवि ने अपने गाँव के हर बच्चे को एक सीख दे दी—सपने सिर्फ देखे नहीं, पूरे भी किए जाते हैं!
✅ IPL सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, एक मौका है!
✅ अगर जुनून हो, तो गली का लड़का भी इंटरनेशनल स्टार बन सकता है!
✅ IPL हमें बताता है कि सपनों का कोई बैकग्राउंड नहीं होता!
💡 “एक दिन मैं भी खेलूँगा!” जो कभी **अरुण का सपना था, वह आज उसकी हकीकत थी।
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क्योंकि हो सकता है, अगले साल आप ही TV पर खेलते दिखें! 😃🏏🔥
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