वो शाम बहुत ख़ास थी। आसमान में तारे टिमटिमा रहे थे, और हवा में गुलाब की खुशबू बिखरी हुई थी। वैलेंटाइन डे का दिन था, और पूरा शहर प्यार की रोशनी से जगमगा रहा था। लेकिन आरव के लिए, यह दिन बस एक और दिन था। उसका दिल टूटा हुआ था, और वो खुद को अकेला महसूस कर रहा था। उसकी ज़िंदगी में प्यार की कमी नहीं थी, बल्कि वो खुद से प्यार करना भूल गया था। एक प्यार की कहानी उसके लिए अब सिर्फ़ एक सपना लगती थी।
आरव एक छोटे से कैफे में बैठा था, अपनी कॉफी के कप को घुमाते हुए। उसकी नज़रें खिड़की के बाहर टिकी हुई थीं, जहाँ लोग हाथों में हाथ डाले, मुस्कुराते हुए गुज़र रहे थे। उसने एक गहरी सांस ली और अपने आप से कहा, “शायद प्यार सिर्फ़ किसी और के लिए होता है।”
तभी, उसकी नज़र एक लड़की पर पड़ी। वो सड़क के किनारे खड़ी थी, अपने हाथों में एक पुरानी सी किताब पकड़े हुए। उसके चेहरे पर एक मासूम सी मुस्कान थी, और उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक। आरव को लगा जैसे उसने उस लड़की को पहले कहीं देखा है। वो उठा और उसके पास गया।
यह एक प्यार की कहानी थी, जो आरव के दिल में फिर से उम्मीद जगाने वाली थी।

“क्या यह किताब तुम्हारी है?” आरव ने पूछा।
लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, यह मेरी पसंदीदा किताब है। इसमें प्यार की कहानियाँ हैं, जो मुझे याद दिलाती हैं कि प्यार हर जगह होता है, बस हमें उसे महसूस करने की ज़रूरत होती है।”
आरव को लगा जैसे उसकी बातों में कोई गहरा अर्थ छुपा हो। उसने पूछा, “तुम्हारा नाम क्या है?”
“मेरा नाम तारा है,” लड़की ने जवाब दिया। “और तुम?”
“मैं आरव हूँ,” उसने कहा।
तारा ने आरव की आँखों में देखा और कहा, “तुम्हारी आँखों में एक उदासी है। क्या तुमने कभी खुद से प्यार करने की कोशिश की है?”
आरव चौंक गया। उसने कभी इस बारे में नहीं सोचा था। वो हमेशा दूसरों को खुश करने में लगा रहता था, लेकिन खुद को भूल गया था।
तारा ने उसकी चुप्पी को समझा और कहा, “प्यार सिर्फ़ किसी और के लिए नहीं होता। प्यार खुद से शुरू होता है। जब तक तुम खुद से प्यार नहीं करोगे, तब तक तुम किसी और को पूरा प्यार नहीं दे सकते।”
उसकी बातें आरव के दिल को छू गईं। उसने महसूस किया कि उसे खुद को फिर से जानने की ज़रूरत है। तारा ने उसे अपने साथ चलने के लिए कहा, और वो दोनों शहर की सड़कों पर टहलने लगे। तारा ने उसे अपनी पसंदीदा जगहों के बारे में बताया, और आरव ने उसे अपने सपनों के बारे में।
धीरे-धीरे, आरव ने महसूस किया कि उसका दिल हल्का हो रहा है। तारा की मुस्कान और उसकी बातों ने उसे एक नई उम्मीद दी। उसने महसूस किया कि प्यार सिर्फ़ किसी और के लिए नहीं होता, बल्कि यह खुद से शुरू होता है।
जब शाम ढलने लगी, तो तारा ने आरव से कहा, “मुझे जाना होगा। लेकिन याद रखना, प्यार हमेशा तुम्हारे आसपास होता है। बस तुम्हें उसे महसूस करने की ज़रूरत होती है।”
आरव ने तारा को धन्यवाद दिया और उसे जाते हुए देखा। उसने महसूस किया कि उसकी ज़िंदगी में एक नई रोशनी आ गई है। उसने खुद से वादा किया कि वो अब खुद से प्यार करेगा और अपने सपनों को पूरा करेगा।
उस रात, आरव ने आसमान की तरफ देखा और एक तारे को टिमटिमाते हुए देखा। उसे लगा जैसे तारा उसे याद दिला रही हो कि प्यार हमेशा उसके साथ है।
और इस तरह, आरव ने न सिर्फ़ खुद से प्यार करना सीखा, बल्कि उसने यह भी जाना कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती। यह सिर्फ़ एक इंसान के लिए नहीं, बल्कि खुद के लिए, अपने सपनों के लिए, और अपनी ज़िंदगी के हर पल के लिए होता है।
कहानी का सार:
प्यार सिर्फ़ किसी और के लिए नहीं होता। यह खुद से शुरू होता है। जब तक हम खुद से प्यार नहीं करेंगे, तब तक हम किसी और को पूरा प्यार नहीं दे सकते। इस वैलेंटाइन डे, खुद से प्यार करें और अपने सपनों को पूरा करने का वादा करें। क्योंकि प्यार हमेशा आपके आसपास होता है, बस आपको उसे महसूस करने की ज़रूरत होती है।
~ Happy Valentine’s Day ~
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