AI Robot Adventure story

जिस दिन मेरा AI Robot स्कूल गया

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राजू एक बहुत ही होशियार लड़का था। वह घंटों-घंटों कंप्यूटर पर नई चीजें सीखता और घर में अजीबो-गरीब आविष्कार करता। उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी – उसका खुद का बनाया हुआ AI Robot, जिसका नाम उसने “बुद्धू” रखा था। हालाँकि, बुद्धू दिखने में एकदम उन्नत टेक्नोलॉजी वाला AI रोबोट था, लेकिन उसका नाम “बुद्धू” इसलिए रखा गया क्योंकि कभी-कभी वह ऐसे बेवकूफी भरे काम कर देता था कि हँसी रोकना मुश्किल हो जाता था।

बुद्धू का स्कूल जाने का प्लान

एक दिन, रविवार को, जब राजू होमवर्क कर रहा था, तो उसके मन में एक शरारती ख्याल आया। उसने सोचा, “अगर मेरा रोबोट स्कूल जाए तो क्या होगा?”

AI रोबोट के साथ पढ़ाई करने का यह अनुभव बहुत मजेदार होने वाला था।

उसने तुरंत बुद्धू को बुलाया और कहा, “बुद्धू, कल से तुम मेरे बदले स्कूल जाओगे!”

AI Robot adventure story

बुद्धू ने सोचा कि AI रोबोट बनकर स्कूल जाने का यह मौका उसे बहुत कुछ सिखाएगा।

राजू ने कहा, “तुम एक AI Robot हो, तुम्हें सब कुछ समझना चाहिए!”

बुद्धू ने अपने AI रोबोटिक ज्ञान के बारे में बताया।

बुद्धू ने अपनी इलेक्ट्रॉनिक आवाज़ में कहा, “स्कूल क्या होता है?”

राजू हँसते हुए बोला, “जहाँ बच्चे पढ़ाई करने जाते हैं, टीचर पढ़ाते हैं, और सबसे मज़ेदार बात – वहाँ टिफिन भी मिलता है!”

बुद्धू ने तुरंत कहा, “अगर खाने को मिलता है, तो मैं ज़रूर जाऊँगा!”

स्कूल में AI रोबोट होने का यह पहला अनुभव था।

बुद्धू, एक AI रोबोट होने के नाते, सबकी नजरों में आ गया।

राजू ने उसके लिए यूनिफॉर्म तैयार किया, उसे अपना बैग दिया और चेतावनी दी, “लेकिन ज्यादा होशियारी मत दिखाना, वरना पकड़े जाओगे!”

बुद्धू बोला, “मुझसे ज्यादा बुद्धिमान यहाँ कोई नहीं है!”

स्कूल में AI Robot धमाल

सुबह-सुबह राजू ने बुद्धू को अपने स्कूल भेज दिया। जैसे ही बुद्धू क्लास में पहुँचा, सब बच्चे हैरान रह गए। वह बिल्कुल राजू जैसा दिख रहा था, लेकिन उसकी आवाज़ थोड़ी रोबोटिक थी।

पहला पीरियड मैथ्स का था। टीचर ने सवाल पूछे – “3+3 कितना होता है?”

बुद्धू ने तुरंत उत्तर दिया, “6”

टीचर ने मुस्कुराकर कहा, “अच्छा, अब 345678 × 987654 का उत्तर बताओ?”

बुद्धू ने सेकंड के अंदर जवाब दे दिया, “34193565412”

टीचर और बच्चे दंग रह गए!

एक बच्चे ने पूछा, “राजू, तुझे यह कैसे याद रहता है?”

बुद्धू ने जवाब दिया, “मैं डेटा स्टोर कर सकता हूँ!”

बच्चे हँस पड़े, “क्या?”

अगले पीरियड में इंग्लिश टीचर ने पूछा, “राजू, इस वाक्य का हिंदी अनुवाद करो – ‘The Sun rises in the east.'”

बुद्धू ने जवाब दिया, “सूर्य पूरब में उगता है।”

टीचर खुश हुए, फिर बोले, “अच्छा, अब इस वाक्य को 50 अलग-अलग भाषाओं में अनुवाद करो!”

बुद्धू ने कहा, “मैं एक AI रोबोट हूँ, मैं सबकुछ कर सकता हूँ!”

बुद्धू ने तुरंत बोलना शुरू कर दिया – “The Sun rises in the east (English), सूरज पूर्व में उगता है (Hindi), Le soleil se lève à l’est (French), Der Sonnenaufgang ist im Osten (German)… “

सभी बच्चे और टीचर हैरान हो गए!

पकड़े जाने का डर

खेल-कूद का समय आया तो सब बच्चे मैदान में चले गए। बुद्धू भी दौड़ने लगा, लेकिन उसकी बैटरी अचानक डाउन हो गई और वह वहीं “बीप-बीप” करते हुए रुक गया!

राजू ने कहा, “तुम्हारा AI रोबोट का प्रदर्शन बहुत अच्छा था!”

प्रिंसिपल सर ने कहा, “AI रोबोट की मदद से हमें और भी तकनीकी ज्ञान मिलेगा।”

बच्चों ने देखा तो बोले, “राजू क्यों अजीब आवाज़ निकाल रहा है?”

राजू ने कहा, “AI रोबोट के लिए यह एक नई शुरुआत है!”

बुद्धू ने कहा, “मैं एक AI रोबोट के रूप में बच्चों की मदद करूंगा!”

टीचर भी आ गए और बोले, “यह क्या हो रहा है?”

बुद्धू ने तुरंत कहा, “सॉरी, सिस्टम रीस्टार्ट हो रहा है।”

टीचर को शक हो गया और उन्होंने राजू की यूनिफॉर्म पकड़कर झट से खींची – अरे! यह तो एक रोबोट था!

मजेदार अंजाम और सीख

स्कूल में हंगामा मच गया। प्रिंसिपल सर ने राजू को स्कूल बुलाया।

राजू डरते हुए आया और बोला, “सॉरी सर, मैंने सिर्फ एक एक्सपेरिमेंट किया था!”

लेकिन प्रिंसिपल हँस पड़े, “राजू, तुम्हारा रोबोट गजब का है! लेकिन स्कूल पढ़ने के लिए है, न कि एक्सपेरिमेंट करने के लिए।”

राजू ने सिर झुका लिया।

प्रिंसिपल बोले, “लेकिन तुम्हारी टेक्नोलॉजी शानदार है। क्यों न तुम हमें सिखाओ कि AI कैसे काम करता है?”

राजू की आँखें चमक उठीं। अब वह हर हफ्ते स्कूल में टेक्नोलॉजी वर्कशॉप लेने लगा और बच्चों को नए इनोवेशन सिखाने लगा।

बुद्धू भी अब ऑफिशियल स्कूल असिस्टेंट बन गया, जो बच्चों की पढ़ाई में मदद करता और एंटरटेनमेंट भी करता!

कहानी से सीख:

  • मजाक में भी कुछ बड़ा आविष्कार हो सकता है!
  • टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करना ज़रूरी है।
  • पढ़ाई की जगह पढ़ाई ही होनी चाहिए, मस्ती नहीं।
  • विज्ञान हमें कुछ नया करने की ताकत देता है, लेकिन इसे सही दिशा में लगाना चाहिए।

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